Tuesday, February 18, 2014

6 चीजें जो घटाती हैं कोलेस्ट्राल

6 चीजें जो घटाती हैं कोलेस्ट्राल

कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने की समस्‍या हृदय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों को जन्‍म देती है। पर खानपान की स्‍वस्‍थ आदतों को अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने की समस्‍या के बारे में करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर कोलेस्‍ट्रॉल है क्‍या।

क्‍या है कोलेस्‍ट्रॉल
कोलेस्‍ट्रॉल एक तरह का वसायुक्‍त तत्‍व है, जिसका उत्‍पादन लिवर करता है। यह कोशिकाओं की दवीारों, नर्वस सिस्‍टम के सुरक्षा कवच और हार्मोंस के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। यह प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन बनाता है, जो फैट को खून में घुलने से रोकता है। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्‍ट्रॉल होते हैं- एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन, अच्‍छा प्रोटीन) और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, बैड कोलेस्‍ट्रॉल) एचडीएल यानी अच्‍छा कोलेस्‍ट्रॉल काफी हल्‍का होता है और रक्‍तवाहिनियों में जमे फैट को अपने साथ बहाकर ले जाता है।

बुरा कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल ज्‍यादा चिपचिपा और गाढ़ा होता है। अगर इसकी मात्रा अधिक हो तो यह रक्‍तवाहिनियों और धमनियों की दीवारों पर जम जाता है, जिससे खून के बहाव में रुकावट आती है। इसके बढ़ने से हार्ट अटैक, हाई ब्‍लडप्रेशर और मोटापे जैसी समस्‍यायें हो सकती हैं। कोलेस्‍ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल नामक रक्‍त जांच की जाती है। किसी स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति के शरीर में कुल कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा 200 मिग्रा/डीएल से कम, एचडीएल 60 मिग्रा/डीएल से अधिक और एलडीएल 100 म्रिग्री/डीएल से कम होना चाहिए। अगर सचेत तरीके से खानपान में कुछ चीजों को शामिल किया जाए तो बढ़ते कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है ।

1ड्राई फ्रूट्स-
बादाम, अखरोट और पिस्‍ते में पाया जाने वाला फाइबर, ओमगा-3 फैटी एसिड और अन्‍य विटामिन बुरे कोलेस्‍ट्रॉल को घटाने और अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर देर तक पेट भरे होने का अहसास कराता है। इससे व्‍यक्ति नुकसानदेह फैटयुक्‍त स्‍नैक्‍स के सेवन से बचा रहता है।
कितना खायें
प्रतिदिन पांच से दस दाने
ध्‍यान रखें
घी-तेल में भुने और नमकीन मेवों का सेवन न करें। इससे हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या हो सकती है। बादाम-अखरोट को पानी में भिगोकर और पिस्‍ते को वैसे ही छीलकर खाना अधिक फायदेमंद होता है। पानी में भिगोने से बादाम-अखरोट में मौजूद फैट कम हो जाता है और इसमें विटामिन-ई की मात्रा बढ़ जाती है। अगर अखरोट से एलर्जी हो, तो इसके सेवन से बचें। शारीरिक श्रम न करने वाले लोग अधिक मात्रा में बादाम न खाएं। इससे मोटापा बढ़ सकता है।

2लहसुन-
लहसुन में कई ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं जो एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा कराये गए शोध के अनुसार लहसुन के नियमित सेवन से एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर 9 से 15 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसके अलावा यह हाई ब्‍लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है।
कितना खायें
प्रतिदिन लहसुन की दो कलियां छीलकर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
ध्‍यान रखें
अगर लहसुन के गुण्‍कारी तत्‍वों का फायदा लेना हो तो बाजार में‍ मिलने वाले गार्लिक सप्‍लीमेंट के बजाय सुबह खाली पेट कच्‍चा लहसुन खाना अधिक फायदेमंद होता है। कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है। अगर ऐसी समस्‍या है, तो लहसुन न खायें

3ओट्स-
ओट्स में मौजूद बीटा ग्‍लूकोन नाम गाढ़ा चिपचिपा तत्‍व हमारी आंखों की सफाई करते हुए कब्‍ज की समस्‍या को दूर करता है। इसकी वजह से शरीर में बुरे कोलेस्‍ट्रॉल का अवशोषण नहीं हो पाता। वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अध्‍ययनों से यह साबित हो चुका है कि अगर तीन महीनों तक लगातार ओट्स का सेवन किया जाए, तो इससे कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर में पांच फीसदी तक की कमी लायी जा सकती है।

कितना खायें
एक स्‍वस्‍थ व्‍‍यक्ति को प्रतिदिन लगभग तीन ग्राम बीटा ग्‍लूकोन की जरूरत होती है। अगर रोजाना एक कटोरी ओट्स या दो ओट्स स्‍लाइस का सेवन किया जाए तो हमारे शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में बीटा ग्‍लूकोन मिल जाता है।

4सोयाबीन और दालें-
सोयाबीन, दालें और अंकुरित अनाज खून में से एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करते हैं। ये चीजें अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को बढ़ाने में भी सहायक होती हैं।

कितना खायें
एक स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति को प्रतिदिन 18 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है। इसके लिए एक कटोरी दाल और एक कटोरी रेशेदार सब्जियों (बींस, भिंडी और पालक) के साथ वैकल्पिक रूप से स्‍प्राउट्स का सेवन पर्याप्‍त होता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन सोयाबीन से बनी दो चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे बैड कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर में पांच फीसदी तक की कमी की जा सकती है। इसके लिए एक कटोरी उबला हुआ सोयाबीन, सोया मिल्‍क, दही और टोफू का सेवन किया जा सकता है।

ध्‍यान रखें
यूरिक एसिड की समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों के लिए दालें और सोयाबीन में मौजूद प्रोटीन नुकसानदेह होता है। अगर आपको ऐसी समस्‍या हो इन चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

5नींबू-
नींबू सहित सभी खट्टे फलों में कुछ ऐसे घुलनशील फाइबर होते हैं, जो खाने की थैली में बैड कोलेस्‍ट्रॉल को रक्‍त प्रवाह में जाने से रोक देते हैं। ऐसे फलों में मौजूद विटामिन सी रक्‍तवाहिका नलियों की सफाई करता है। इस तरह बैड कोलेस्‍ट्रॉल पाचन तंत्र के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है। खट्टे फलों में ऐसे एंजाइम्‍स पाए जाते हैं, जो मेटाबॉलिज्‍म की प्रक्रिया को तेज करके कोलेस्‍ट्रॉल घटाने में सहायक होते हैं।

कितना खायें
गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट एक नींबू के रस का सेवन करें।

ध्‍यान रखें
चकोतरा बुरे कोलेस्‍ट्रॉल को घटाने में बहुत मददगार होता है। इसलिए कुछ लोग आसानी से इसे अपनी डायट में शामिल करते हैं, लेकिन आप अगर कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो इसे अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्‍टर से सलाह जरूर लें क्‍योंकि कुछ दवाओं के साथ इनका बहुत तेजी से केमिकल रिएक्‍शन होता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक जैसी समस्‍या हो सकती है।

6ऑलिव ऑयल-
इसमें मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को स्थिर रखने में सहायक होता है। यह ऑर्टरी की दीवारों को मजबूत बनाता है। इससे हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है। यह हाई ब्‍लड प्रेशर और शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है। रिसर्च से यह प्रमाणित हो चुका है कि अगर छह सप्‍ताह तक लगातार ऑलिव ऑयल का सेवन किया जाए तो इससे कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर में आठ फीसदी तक की कमी आ सकती है।

ध्‍यान रखें
कुकिंग के लिए वर्जिन ऑलिव ऑयल और सैलेड ड्रेसिंग के लिए एक्‍सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्‍तेमाल करना चाहिए। कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी होती है, अगर ऐसी समस्‍या हो तो इसके बजाए फ्लैक्‍स सीड (अलसी) या राइस ब्रैन ऑयल का सेवन किया जा सकता है। ऑलि ऑयल हाई ब्‍लडप्रेशर और शुगर को नियंत्रित रखता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा दोनों चीजों का लेवल बहुत कम कर देती है।

No comments:

Post a Comment